अड़चन सी ये डाले हैं तेरी दीद में साले

  - Shivam Yadav

अड़चन सी ये डाले हैं तेरी दीद में साले
कम-बख़्त से बालों को तू चेहरे से हटा ले

मदहोश ही फिरता है वो ता-उम्र यहाँ पर
इक बार को तुझसे यूँ ही नज़रें जो मिला ले

बिल्कुल ही फ़राग़त से यहाँ आज हूँ बैठा
जल्वे जो दिखाने हैं सभी आज दिखा ले

गर मुझको मिटा कर ही तुझे चैन मिले तो
फिर ठीक है मैं कुछ न कहूँगा तू मिटा ले

  - Shivam Yadav

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