चारा-गरी तेरी मुझे बर्बाद कर न दे
अपने मरीज़ को तू दवा कार-गर न दे
दौर-ए-अलम के ख़ौफ़ में की जुस्तुजू तिरी
ख़ुश देखकर मुझे तू कहीं दूर कर न दे
दाम-ए-फ़रेब प्यार है देखा जहाँ-तहाँ
ग़म दे या प्यार जो भी दे पर बे-असर न दे
आँसू मिरे गिरे हैं अगर सच है दास्ताँ
दर्द-ए-जिगर भी दे तो मुझे बे-ख़बर न दे
ख़्वाहिश थी प्यार की मुझे तन्हा जिया हूँ पर
तू प्यार दे न दे मुझे तन्हा सफ़र न दे
गर बात हो अलग कि मैं क़ाबिल नहीं तेरे
ठुकरा दे मुझको प्यार से इल्ज़ाम सर न दे
लोगों ने दिल से खेल के एहसान कर दिए
मुझको ये डर है तू वही एहसान कर न दे
जिनका मैं ख़्वाब था वही बदनाम कर रहे
देनी है बद्दुआ दे मगर उम्र भर न दे
चाहा न ज़िंदगी में कभी ख़ुद को प्यार दूँ
अर्जुन मिटा है ग़ैर पे तू ग़ैर कर न दे
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