कर रहा हूँ मैं पड़ा आराम ऐसा भी नहीं है
या मुझे है और कोई काम ऐसा भी नहीं है
हो अगर तो और ले आ मेरी तौबा छोड़ साक़ी
हाथ से छूटा हो मेरे जाम ऐसा भी नहीं है
हम-नफ़स मैं बस ज़रा हालात से उलझा हुआ हूँ
हो गया मैं इश्क़ में नाकाम ऐसा भी नहीं है
ये मुझे कैसे ख़बर हो उस के कैसे हाल हैं अब
उसने भेजा हो कोई पैग़ाम ऐसा भी नहीं है
आशिक़ों के वास्ते जन्नत तो है बस ख़्वाब जैसी
सच कहूँ तो इश्क़ का अंजाम ऐसा भी नहीं है
चंद लम्हों के लिए हँस तो रहा हूँ मैं मगर देख
थम गई हो गर्दिश-ए-अय्याम ऐसा भी नहीं है
तेरी यादों से सजा लूँगा हर इक कोना मैं दिल का
हो न पाएँगी हसीं अब शाम ऐसा भी नहीं है
चल पडूँगा ऐ क़ज़ा मैं जैसे ले जाएगी मुझको
तुझसे हूँ मैं तालिब-ए-इकराम ऐसा भी नहीं है
बस ज़रा पटकेंगी सर को आ के साहिल पर ये लहरें
ये मिटा डालेंगी मेरा नाम ऐसा भी नहीं है
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