कभी कभी इधर उधर नज़र घुमा के देख लो - ABHISHEK RANJAN

कभी कभी इधर उधर नज़र घुमा के देख लो
मुझे तुझे ख़बर कहाँ कहाँ गई किधर है वो

कभी कहीं कभी इधर जो तोड़ दे वह दिल तेरा
अगर मगर ना कुछ नहीं हाँ दिल उठा के फेंक दो

अतीत वर्तमान का पता नहीं ख़ता नहीं
ख़ुदा ने ग़र जुदा किया तो शुक्र है दुआ करो

कहाँ ख़बर किधर डगर ये कौन सा है रास्ता
ख़ुदा का नाम लो वहाँ कहो उधर नमो नमो

पुराण का कहाँ पता कुरान को पढा नहीं
वो एक है वह नेक है दुआ करें नमन करो

- ABHISHEK RANJAN
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