मौत से दोस्ताना नहीं है

  - Nazar Dwivedi

मौत से दोस्ताना नहीं है
ज़िन्दगी का ठिकाना नहीं है

सारी रौनक़ है जिनके भरोसे
बज़्म में उनको आना नहीं है

हर तरफ़ साज़िशों की निशानी
सादगी का ज़माना नहीं है

आपबीती हमारी है ख़ुद की
ये तो क़िस्सा पुराना नहीं है

हम उन्हीं पर भरोसा किए हैं
जिनको वादा निभाना नहीं है

आ गया हूँ तुम्हारे ही दर पर
अब कहीं सर झुकाना नहीं है

मेरी बातों पे कर लो यक़ीं फिर
जब मुझे आज़माना नहीं है

चश्म-ए-पुरनम से सुनना इसे तुम
मर्सिया है तराना नहीं है

  - Nazar Dwivedi

More by Nazar Dwivedi

As you were reading Shayari by Nazar Dwivedi

Similar Writers

our suggestion based on Nazar Dwivedi

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari