ये दिल जिसे दिया है
वो एक बे-वफ़ा है
अब तुम उसे भुला दो
अब वो बदल गया है
अब वो रहा नहीं वो
इंसान दूसरा है
हर-दम रहे सुकूं से
उस को मिरी दुआ है
ख़ामोश इसलिए हूँ
मक़्सद मिरा बड़ा है
छोड़ा नहीं कभी फिर
अपना जिसे कहा है
जो है बना अदू वो
भाई मिरा सगा है
जिसका रहा न कोई
उस शख़्स का ख़ुदा है
कोई नहीं मिरा वो
जिसको मिरा कहा है
हर चीज़ है मिरी वो
मैंने जिसे छुआ है
लगता नहीं मिरा कुछ
जो ग़ैर का हुआ है
अब तुम उसे भुला दो
वो शख़्स बेवफ़ा है
कर ले ज़रा क़दर तू
सागर तुझे मिला है
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