बातों बातों में जब यूँ ही बह जाते हैं लोग

  - nakul kumar

बातों बातों में जब यूँ ही बह जाते हैं लोग
जाने कैसी कैसी बातें कह जाते हैं लोग

कट जाते हैं दुनिया से जब दुनियादारी में
मन मंदिर में धाम बनाकर रह जाते हैं लोग

कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनको अक्सर ही
मजबूरी हो या हो मुहब्बत सह जाते हैं लोग

किसी किसी को इक मीठी मुस्कान मयस्सर है
और किसी को जान-जिगर तक कह जाते हैं लोग

कोई फ़ौरन आँखों से करता है सफ़र दिल तक
और कई बेचारे ख़ुद में रह जाते हैं लोग

  - nakul kumar

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