रा'नाइयाँ समेट के सारे जहान की - Nityanand Vajpayee

रा'नाइयाँ समेट के सारे जहान की
जब कुछ न बन सका तेरी आँखें बनाईं तब

मैं इश्क़ हूँ रुका न किसी भी क़फ़स में तो
मज़बूतियों भरी ये सलाखें बनाईं तब

- Nityanand Vajpayee
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