जहाँ कैसे हुआ रौशन ये कैसा फ़लसफ़ा है देख
ये किस की आँख का तारा फ़लक से जा लगा है देख
ये कैसे जी रहे हैं हम है कैसी ज़िंदगी अपनी
किसी का कुछ बिगाड़ा या किसी की बद-दुआ है देख
सभी ने कर दिया मुझको नज़र-अंदाज़ जाने क्यूँ
सभी की आँख में अटका हुआ हूँ क्या किया है देख
जो भी गुम हो गया था कल वो अबतक लौट आया है
कहाँ नाराज़ होते हो किधर वो खो गया है देख
यही समझा नहीं अबतक किया सबपे भरोसा क्यों
सभी ने तोड़ डाला फिर से मेरा हौसला है देख
हमारे फूल पर ये सब कहाँ से तितलियाँ आई
हमारे दिल के आँगन को भी कब्ज़ा क्यूँ किया है देख
नहीं आराम अपना है नहीं है दिल-लगी अपनी
रखो तुम हर ख़ुशी अपनी हमें ग़म मिल गया है देख
किसी से हारने का ग़म हमें होता नहीं है अब
सभी को जीतना होगा मुझे तो हारना है देख
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