आशिक़ी मय-कशी दिल-कशी फ़रवरी

  - Harpreet Kaur

आशिक़ी मय-कशी दिल-कशी फ़रवरी
इश्क़ के नाम ये मस्ख़री फ़रवरी

हुस्न के है ग़ुलामों का डेरा लगा
लफ़्ज़-दर-लफ़्ज़ हो शाइरी फ़रवरी

फूल तोहफ़ों का ये कुछ दिनों खेल सा
सर चढ़ी इश्क़ की सर-ख़ुशी फ़रवरी

आफ़तों सी ये शादीशुदा वास्ते
है कुँवारों की मस्ती भरी फ़रवरी

ये सुहाना सा मौसम बदलती फ़ज़ा
गुल जो खिलते वो दीवानगी फ़रवरी

माज़ी का ये फ़साना कहीं मुस्तक़िल
प्यार तकरार की बानगी फ़रवरी

तोड़ती जाने कितने दिलों के महल
जान लेती यूँ ही दिल्लगी फ़रवरी

  - Harpreet Kaur

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