मैंने भी गर रोज़ यही सब करना है
फ़िर मेरी ख़ाली जेब किसने भरना है
कौन तिरे जाने से यूँ रोता रहता
देख तिरे जाने से मैंने मरना है
कोई तो उसको भी समझाओ यारों
जिससे सारी रातें बातें करना है
दूर नहीं जाना उसकी मजबूरी थी
पास भी रहना है घर से भी डरना है
कोई ले कर आये इश्क़ का पैमाना
अब उसको मैंने आँसू से भरना है
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