ख़ुद से हूं हैरतजदा मैं जाने क्या चलने लगा
मेरे अंदर जैसे कोई मौजेज़ा चलने लगा
कार की खिड़की से बाहर मैंने देखा तो लगा
आसमां ठहरा हुआ है रास्ता चलने लगा
राह में थोड़ी थकन सी मुझको जब लगने लगी
मेरे आगे आगे मेरा हौसला चलने लगा
तेरी मेरी ये कहानी भूली बिसरी दास्तां
जैसे कोई एक पल आया रुका चलने लगा
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