तुझे भी खौफ था तेरी मुखालफत करूँगा मै
और अब नहीं करूँगा तो गलत करूँगा मै
उसे कहो के अहद-ए-तर्क-ए-रस्मो-राह लिख के दे
कलाई काट के लहू से दशतख्त करूँगा मै
मेरे लबों ने उस ज़मीं को दाग दार कर दिया
गलत नहीं भी हूँ तो उससे माजरत करूँगा मै
तुझे भी खौफ था तेरी मुखालफत करूँगा मैं
और अब अगर नही करूंगा तो गलत करुँगा मैं
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