अनमोल इस वक़्त को यूँ गँवाया नहीं जाता - Salma Malik

अनमोल इस वक़्त को यूँ गँवाया नहीं जाता
बीता हुआ वक़्त वापस भी लाया नहीं जाता

हर राज़ दिल का सभी से बताया नहीं जाता
पर हाल-ए-दिल भी ये हमसे छुपाया नहीं जाता

फ़र्ज़-ए-किफ़ाया भी तो कुछ हुआ करता है जान
हर फ़र्ज़ तो इन्फ़िरादी निभाया नहीं जाता

अपना निवाला भी जिन बच्चों को माँ खिलाती है
उनसे निवाला उसे इक खिलाया नहीं जाता

ये रूह तो ढो लिया करती है जिस्म का बोझ
पर जिस्म से बोझ इसका उठाया नहीं जाता

बिन मर्ज़ी ब्याही गई दुल्हनें लाश हैं और
लाशों को तो दुल्हनों सा सजाया नहीं जाता

सफ़्हे पलटना ही सलमा सँवारे ये तक़दीर
अच्छी किताबों से घर बस सजाया नहीं जाता

- Salma Malik
0 Likes

More by Salma Malik

As you were reading Shayari by Salma Malik

Similar Writers

our suggestion based on Salma Malik

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari