तुझे ना आएंगी मुफ़लिस की मुश्किलात समझ
मैं छोटे लोगों के घर का बड़ा हूं बात समझ
मेरे इलावा हैं छे लोग मुनहसीर मुझ पर
मेरी हर एक मुसीबत को जर्ब सात समझ
दिल ओ दिमाग ज़रूरी हैं जिंदगी के लिए
ये हाथ पाऊं इज़ाफ़ी सहूलियत समझ
फलक से कट के ज़मीन पर गिरी पतंगें देख
तू हिज्र काटने वालों की नफ़सियात समझ
किताब-ए-इश्क़ में हर आह एक आयत है
और आंसुओं को हुरूफ-ए-मुक़त्तेआत समझ
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