शिव बिना अंत जयकार है - Vinod Ganeshpure

शिव बिना अंत जयकार है
सत्य शिव पंथ सरकार है

शिव जगत के परम तत्व भी
नित्य शिव ही निरंकार है

शिव धरे है अहम इस तरह
मौन शिव तप अलंकार है

क्रोध शिव ने पिया है सभी
शिव हलाहल नमस्कार है

चंद्र को सिर पे रख जो लिया
शिव तिरा चंद्र आकार है

शेष को जब लगा कर गले
विष बना नित्य जयकार है

बैठ नंदी वहीं आज शिव
शिव दया सत्य स्वीकार है

- Vinod Ganeshpure
1 Like

More by Vinod Ganeshpure

As you were reading Shayari by Vinod Ganeshpure

Similar Writers

our suggestion based on Vinod Ganeshpure

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari