0
Search
Shayari
Writers
Events
Blog
Store
Help
Login
By:
00:00/00:00
Top 10 of
Ashutosh Kumar "Baagi"
Top 10 of
Ashutosh Kumar "Baagi"
है बहुत लम्बी ज़िन्दगी मेरी
हाँ, मेरे कान तक तो आती है
Ashutosh Kumar "Baagi"
10
Download Image
3 Likes
उसे अपना बनाना चाहता था
यही सारा ज़माना चाहता था
अब इक तस्वीर बनकर रह गया हूँ
हमेशा मुस्कुराना चाहता था
बस इक ज़रिया थी मेरी ख़ुदकुशी जाँ
मैं उसका दिल दुखाना चाहता था
क़ज़ा से डर नहीं लगता है लेकिन
ज़रा बस शायराना चाहता था
जो लड़का रह गया मुनकिर ही होकर
ख़ुदा तुमको बनाना चाहता था
Read Full
Ashutosh Kumar "Baagi"
9
Download Image
2 Likes
किसकी बारी है अब मियाँ मुझमें
कौन लेता है हिचकियाँ मुझमें
काश मंज़िल कोई मुझे कहता
सबको दिखती हैं सीढ़ियाँ मुझमें
रोज़ किरदार एक मरता है
टूटी रहती हैं चूड़ियाँ मुझमें
क़ब्र हूँ और चलती फिरती हूँ
दफ़्न कितनी हैं सिसकियाँ मुझमें
क़ुर्बतों का सिला मिला ऐसा
रह गईं हैं तो दूरियाँ मुझमें
मैं तो कमज़र्फ़ एक सहरा हूँ
ढूँढ़ती है वो सीपियाँ मुझमें
गर्मियों में मुझे वो छोड़ गया
जिसने काटी थीं सर्दियाँ मुझमें
इश्क़ के फूल जो खिले मुझमें
छोड़ दी हिज्र बकरियाँ मुझमें
तुग़लक़ी हुक्म उसके आते हैं
फिर उजड़ती हैं दिल्लियाँ मुझमें
Read Full
Ashutosh Kumar "Baagi"
8
Download Image
5 Likes
हम कि जिस दौर से गुज़र आए
आप उस दौर में गुज़र जाते
Ashutosh Kumar "Baagi"
7
Download Image
6 Likes
दर्द में आ रहा मज़ा साहब
तुमने ऐसा है क्या किया साहब
ख़िज़्र की उम्र भी अता कर दी
फिर तेरा हिज्र भी दिया साहब
अब नहीं बोलते मेरे हक़ में
बन गए तुम भी अब ख़ुदा साहब
हाथ छूटे नहीं कभी अपने
उम्र भर हम रहे जुदा साहब
मुझको छोड़ा मेरी ख़ुशी के लिए
ग़म इसी बात का रहा साहब
मुझको अब आप बस दुआ दीजे
काम आई न कुछ दवा साहब
उसकी ग़लती थी इश्क़ कर बैठा
वरना था आदमी भला साहब
ख़ुशनसीबी है तुमसे इश्क़ हुआ
और ये ही मेरी सज़ा साहब
Read Full
Ashutosh Kumar "Baagi"
6
Download Image
2 Likes
दिल हुआ करता था पहले, अब कहाँ बाक़ी रहा
जल गए अरमान सारे, बस धुआँ बाक़ी रहा
हम कहो क्या क्या बताएँ, क्या है खोया इश्क़ में
ये जहाँ बाक़ी रहा ना वो जहाँ बाक़ी रहा
Read Full
Ashutosh Kumar "Baagi"
5
Download Image
16 Likes
यार दिखावे का ग़म मेरा
मुझ को सच में खा जाएगा
Ashutosh Kumar "Baagi"
4
Download Image
2 Likes
तुम्हारा जान कर, अपना समझ कर, चूम लेता हूँ
मुझे क्या है, ये लब किसके हैं, ये रुख़्सार किसका है?
Ashutosh Kumar "Baagi"
3
Download Image
3 Likes
हम ने छोड़ा तुम्हें था कह देंगे
ख़ुश रहो तुम रक़ीब शाद रहे
Ashutosh Kumar "Baagi"
2
Download Image
7 Likes
बस यही बात मुझको खलती है
क्यूँ भला साँस मेरी चलती है
एक रस्ता है ख़ुदकुशी अब तो
अब ये वहशत नहीं सँभलती है
हाय ये चाँद क्यूँ नहीं मरता
हाय ये धूप क्यूँ निकलती है
इश्क़ आता नहीं कभी तन्हा
इक उदासी भी साथ चलती है
मेरी बाहों में जो बहलती थी
किसकी बाहों में अब मचलती है
पाँव में बाँध कर नयी पायल
ख़ामुशी छत पे क्यूँ टहलती है
जुगनुओं तुम ही मुझको बतलाओ
रात कपड़े कहाँ बदलती है
Read Full
Ashutosh Kumar "Baagi"
1
Download Image
9 Likes
Get Shayari on your Whatsapp
Top 10 of Similar Writers
Deepak Pathak
Aditya Maurya
Manish watan
Bhoomi Srivastava
Moin Ahmed "Aazad"
Akash Gagan Anjaan
Muhammad Fuzail Khan
Prit
Dharmesh bashar
Yamir Ahsan