कुछ दरिया के बीच में हैं तो कुछ थोड़े से किनारे हैं
पास से जब हमने देखा तो सब के सब बेचारे हैं
उससे बेशक कुछ सीखोगे उसने मैदाँ जीता है
हमसे कुछ ज़्यादा सीखोगे हम मैदाँ में हारे हैं
तू बस तू है मैं बस मैं हूँ गर बाहर से देखें तो
लेकिन अंदर से देखें तो हममें कितने सारे हैं
एक कहानी तेरी है और एक कहानी मेरी है
एक कहानी में हम दोनों घूम रहे बंजारे हैं
दुनिया अब उस पर हँसती है जिसको पूजा जाता था
आज वही मूरख हैं जो पहले के निश्छल न्यारे हैं
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