प्यार का क़िस्सा पुराना हो गया
दर्द झेले भी ज़माना हो गया
कौन सुनता है किसी का दर्द अब
दर्द भी मुश्किल सुनाना हो गया
मौत ही मंज़िल है तेरी ज़िंदगी
हाँ उसी से दिल लगाना हो गया
हैं बहुत ख़ुश बारिशों को देखकर
आज फिर मौसम सुहाना हो गया
रो रहा हूँ बैठकर तन्हाई में
कितना बेबस मैं दीवाना हो गया
टूटने को ही बना था दिल मेरा
दिल लगाना ही बहाना हो गया
क्या करोगे जानकर सच्चाई अब
यार वो क़िस्सा पुराना हो गया
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