Kamal Salarpuri

Kamal Salarpuri

@kamal-salarpuri

Kamal Salarpuri shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Kamal Salarpuri's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
वो ज़ुल्मत-ए-शब का ग़लबा है वो यास के बादल छाए हैं
अब सुब्ह भी सुब्ह-ए-उम्मीद नहीं उसे गर्दिश-ए-दौराँ क्या होगा

दीवार-ए-चमन पुर-ज़ाग़-ओ-ज़ग़न मसरूफ़ हैं नग़्मा-ख़्वानी में
हर शाख़ पर उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा

अग़राज़ बढ़ीं अख़्लाक़ मिटे गुफ़्तार रही किरदार गए
इस पर भी कहीं ठहराव नहीं ऐ क़िस्मत-ए-इंसाँ क्या होगा

पाबंद-ए-सलासिल नेकी है हासिल है बदी को आज़ादी
ये शक्ल गर ता'मीर की है तख़रीब का उनवाँ क्या होगा

क्यूँ ज़ीस्त का बहर-ए-बे-पायाँ महरूम है अब इक मौज से भी
सदियों से सुकूत इक तारी है ऐ सतवत-ए-तूफ़ाँ क्या होगा

अरबाब-ए-हवस का जमघट है इस बज़्म में कोई रिंद नहीं
ऐ जाम-ए-ज़र-अफ़्शाँ क्या होगा ऐ साक़ी-ए-दौराँ क्या होगा

इस देस में जो भी रहज़न थे वो रहबर-ए-मिल्लत कहलाए
हर चोर निगहबाँ ठहरा है ऐ क़ुदरत-ए-यज़्दाँ क्या होगा
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Kamal Salarpuri