मुहब्बत से तिरी ये ज़िन्दगी मेरी सँवर जाती
तिरे इक साथ से बस ज़िन्दगी मेरी गुज़र जाती
मिरा जो हाल है,होता,सभी का ही मुहब्बत में
वही हर-सू नज़र आती जिधर भी ये नज़र जाती
सुना है जागने पर ही तिरे होता सवेरा है
सुना है बंद कर ले आँख तो ये शब ठहर जाती
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