Parvez Waris

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Parvez Waris shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Parvez Waris's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
ख़ुद बन गई है बात बनाने में मैं न था
इस वाक़िए के कोई फ़साने में मैं न था

मंज़र को साथ ले गई सूरज की रौशनी
दिन के हसीन रंग मिटाने में मैं न था

जैसे उफ़ुक़ पे खींच दे कोई लकीर सी
इस तरह से परिंदे उड़ाने में मैं न था

कुछ दोस्तों के हाथ भी मल्बूस इस में थे
तन्हा फ़क़त फ़ुतूर जगाने में मैं न था

होंटों पे सीधे सादे जो आए थे कह दिए
लफ़्ज़ों के तल्ख़ तीर चलाने में मैं न था

क़ुर्बत ज़रा सी बढ़ते ही वो तो सिमट गया
वर्ना फ़ुज़ूल छुपने छुपाने में मैं न था

सूना सा रस्ता धूप शजर दूर इक सदा
तस्वीर ऐसी कोई दिखाने में मैं न था

दरिया की आती जाती सी लहरें तका करूँ
साहिल पे ऐसी छाप बिछाने में मैं न था

'परवेज़' और बात कि हुशियार हूँ बहुत
जादू मगर किसी पे चलाने में मैं न था
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