Rafeeq Pilibhiti

Rafeeq Pilibhiti

@rafeeq-pilibhiti

Rafeeq Pilibhiti shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Rafeeq Pilibhiti's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
दर्द बन जाए जो दरमाँ तो ग़ज़ल होती है
चारागर भी लगे हैराँ तो ग़ज़ल होती है

कोई बिस्मिल जो हो शादाँ तो ग़ज़ल होती है
कोई क़ातिल हो पशेमाँ तो ग़ज़ल होती है

शब को आने का यक़ीं पूरा दिला कर शब में
तोड़ डाले कोई पैमाँ तो ग़ज़ल होती है

यास के घोर अंधेरे में अचानक कोई
शम्अ' हो जाए फ़रोज़ाँ तो ग़ज़ल होती है

टीस उठती है ग़ज़ल बन के मिरे सीने से
ज़ख़्म करता है जो एहसाँ तो ग़ज़ल होती है

ज़ुल्मत-ए-हिज्र में रह रह के कसक उठने से
हो कठिन रात भी आसाँ तो ग़ज़ल होती है

एक चिंगारी जो मस्तूर है मेरे दिल में
रात को कर दे दरख़्शाँ तो ग़ज़ल होती है

फूल खिलते हैं तो होती है चमन में ख़ुशबू
दिल में होता है चराग़ाँ तो ग़ज़ल होती है

आलम-ए-शौक़-ए-मुलाक़ात में परवाने से
शम्अ' होती है गुरेज़ाँ तो ग़ज़ल होती है

मुझ से सरगोशियाँ करती है ख़मोशी शब की
और फिर उठता है तूफ़ाँ तो ग़ज़ल होती है

आरज़ू पाए जो तकमील तो होती है फ़ना
घट के रह जाए जो अरमाँ तो ग़ज़ल होती है

बे-कराँ जौर-ओ-सितम ही नहीं लाते उस को
हो करम भी जो फ़रावाँ तो ग़ज़ल होती है
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Rafeeq Pilibhiti