Ujagar Warsi

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Ujagar Warsi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ujagar Warsi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Nazm
ये प्यारी प्यारी बत्तखें चलती हैं किस अंदाज़ से
जैसे हसीं शहज़ादियाँ इठला रही हों नाज़ से
है ज़र्द गेंदों की तरह हमराह बच्चों का कुटुम्ब
तुम रुई के गाले कहो गोले कहें रेशम के हम
हैं रानियाँ तालाब की ये उजली उजली बत्तखें
बेलों भरी झीलों की हैं उन से ही क़ाएम रौनक़ें
तन दूधिया चिकने हैं पर सीने तने अकड़े हैं सर
या कश्तियाँ चाँदी की हैं शफ़्फ़ाफ़ सत्ह-ए-आब पर
मरमर के बुत हैं तैरते पानी के ऊपर शान से
परियाँ ये शोख़ ओ शंग सी आई हैं नूरिस्तान से
ऐसी सफ़ेद-ओ-ख़ुशनुमा जैसे खिलौने बर्फ़ के
या तख़्ता-ए-बिल्लोर पर रौशन हैं मोमी क़ुमक़ुमे
चोंचें सुनहरी खोल कर क़ें क़ें की तानें घोल कर
लहरों में लहराती हैं ये पंजों के चप्पू तोल कर
नीलोफ़रों का कुंज है इन की मसर्रत का जहाँ
निखरे हुए सुंदर कँवल देते हैं इन को थपकियाँ
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Ujagar Warsi
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एक से एक शरारत सूझे हम को सुब्ह-ओ-शाम
तो बोलो क्या होगा अंजाम
खेल में अपनी जान पड़ी हो शोख़ी में हो नाम
तो बोलो क्या होगा अंजाम
आपा के बस्ते में हम चुपके से मिट्टी भर दें
अब्बा की छतरी को जो हम तोड़ के चर मर कर दें
ऐसी बातें हम घर में करने लग जाएँ आम
तो बोलो क्या होगा अंजाम
हम ने दिल में ठानी हो कि सुनेंगे आज कहानी
फ़रमाइश रद्द कर दी जाए और सो जाएँ नानी
मुर्ग़ी का पर कान में दे के सोना करें हराम
तो बोलो क्या होगा अंजाम
जियोग्राफी का टीचर जब आवेज़ाँ कर दे नक़्शा
हम से फिर ये पूछा जाए ज़रा दिखाओ शिमला
जिस पर हम उँगली को रक्खें लिक्खा हो आसाम
तो बोलो क्या होगा अंजाम
ख़रबूज़ों के खेत के अंदर घुस जाएँ चुपके से
रखवाला भी ताड़ रहा हो पीछे से आ पहुँचे
और हमारी गर्दन अपने हाथों में ले थाम
तो बोलो क्या होगा अंजाम
एक से एक शरारत सूझे हम को सुब्ह-ओ-शाम
तो बोलो क्या होगा अंजाम
खेल में अपनी जान पड़ी हो शोख़ी में हो नाम
तो बोलो क्या होगा अंजाम
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