Ehsan Akbar

Ehsan Akbar

@ehsan-akbar

Ehsan Akbar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ehsan Akbar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

Followers

0

Content

20

Likes

1

Shayari
Audios
  • Ghazal
  • Nazm
किसी से अपनी ख़बर हम वसूल क्या करते
ख़ुद आईनों का भी एहसाँ क़ुबूल क्या करते

वो खेत खेत रहीं जिन की ख़ार-दार सफ़ें
उन्ही में फूल थे दो चार फूल क्या करते

तमाम जानों के दुश्मन तमाम हाथ हुए
ये उम्मतें थीं अब उन के रसूल क्या करते

ये कोई उम्र थी तेरी मोहब्बतों वाली
सरों की राख में शामिल ये धूल क्या करते

तुम्हारे जैसा कोई नक़्श हर निगार में था
मगर थे हम भी बहुत बा-उसूल क्या करते

उन्हें कि जिन से बड़ी चोट कर गई थी हयात
अब और पुर्सिश-ए-ग़म से मलूल क्या करते

जहाँ था तोड़ना दस्तूर का भी इक दस्तूर
वहाँ हमारे तुम्हारे उसूल क्या करते

हम ऐसे लोग जो ख़्वाबों के चलने वाले थे
सहर से अज्र-ए-मसाफ़त वसूल क्या करते
Read Full
Ehsan Akbar
कुलाह-ए-कज बदल जाती है या अफ़सर बदलता है
अभी खुलता नहीं क्या वक़्त का तेवर बदलता है

ये देखा है कि महवर इस्तवा ऊपर बदलता है
फ़लक सदियों पुरानी नीलगूँ चादर बदलता है

दिलों में सोज़-ए-ग़म वाले धुएँ भी आरज़ूएँ भी
अजम वाला मुसलमाँ हर सदी में घर बदलता है

निशाँ-कर्दा घरों को छोड़ भागे घर जो लौटे हैं
तो देखा पिछली शब दहलीज़ का नंबर बदलता है

हर इक फ़िरऔन के अहवाल-ए-ग़र्क़ाबी जुदागाना
कभी दरिया बदलता है कभी लश्कर बदलता है

ज़माना एहतिरामन घूम जाता है उसी जानिब
जो अच्छाई को इक इंसान रत्ती भर बदलता है

हम अब मग़रिब के दस्त-आमोज़ दुनिया को नहीं लगते
उग आएँ बाल-ओ-पर अपने तो बाल-ओ-पर बदलता है

कोई दरवाज़ा भीतर की तरफ़ खुलता नहीं 'एहसाँ'
वही अंदर की कालक है फ़क़त बाहर बदलता है
Read Full
Ehsan Akbar