Uvais Girach

Uvais Girach

@uvaisgi873869

Uvais Girach shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Uvais Girach's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Ghazal
वहीं जाएँगे हम आख़िर जहां लेकर शजर जाएँ
परिंदे छोड़ कर अपना ही घर आख़िर किधर जाएँ

ये दिल पे ज़ख़्म हैं उनसे किसी की याद ताज़ा है
करेंगे क्या बताओ हम अगर ये ज़ख़्म भर जाएँ?

कहीं ऐसा न हो इस क़ाफ़िले को लूट ले कोई,
मिरे प्यारो चलो, इस राह से जल्दी गुज़र जाएँ

परिंदों ने मुझे घर की तरफ़ जाना सिखाया है,
हुई अब शाम हज़रत जी, चलो! अब हम भी घर जाएँ

सदा दोगे हमें पर वो सदा हम तक न पहुँचेगी
कहीं ऐसा न हो हम इतनी तेज़ी से गुज़र जाएँ

जो उकता जाते सब से आप के ही पास आते थे
यहां भी लग चुकी पाबंदी बोलो, अब किधर जाएँ?

घड़ी की सिम्त ही हम देखते रहते हैं ऑफ़िस में
कि जल्दी ख़त्म हो ये वक़्त तो फिर हम भी घर जाएँ
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Uvais Girach