तुम सिर्फ़ मेरे हो शिकायत करती थी
लड़की कोई इतनी मोहब्बत करती थी
मैं अब तुम्हारा हो नहीं सकता यहाँ
वो ऐसी बातों से ही नफ़रत करती थी
मेरे गले लग तो नहीं पाई वो फिर
मेरे गले लगने की हिम्मत करती थी
मुझसे जुदा हो कर वहाँ रोती है वो
रब जाने वो क्यूँ इतनी उजलत करती थी
मैं उसका हो कर सारे का सारा रहूँ
ख़ातिर मिरी सबसे अदावत करती थी
वो मुझसे इतना प्यार कैसे कर रहा
मेरी मोहब्बत पर वो हैरत करती थी
Read Full