बहुत ख़ुश रहे वो दुआ देता हूँ
मैं अब ख़ुद को ही मशवरा देता हूँ
कोई हाल-ए-दिल पूछता है मिरा
तो मैं धीरे से मुस्कुरा देता हूँ
तेरी याद शिद्दत से जब आती है
सभी को मैं घर से उठा देता हूँ
तुम्हें याद करना मुसीबत है गर
चलो फिर मैं तुमको भुला देता हूँ
पता है मुझे वो नहीं आएगी
मैं फिर भी उसे ही सदा देता हूँ
मुहब्बत कोई और ही ले गया
मैं उस लड़की को जाने क्या देता हूँ
बिना उसके जब भी रहा जाता नइँ
मैं आँखों से आँसू गिरा देता हूँ
उसे देख कर होश खो बैठा है
मैं उस लड़के को अब दवा देता हूँ
मुझे आँखों से जब पिलाती नहीं
सो फिर ख़ुद को ही मय पिला देता हूँ
हुआ सो हुआ अब भुला दे उसे
मैं ख़ुद को यही हौसला देता हूँ
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