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साथ तुम होते अगर तो बारिशों में भीगते - Aditya

साथ तुम होते अगर तो बारिशों में भीगते
यानी हम तुम मौसमों की साजिशों में भीगते

चाय का प्याला मैं होता चूमती जब तुम मुझे
सुब्ह तेरे होठों की आराइशों में भीगते

जुस्तजू तेरी जो है वो खत्म हो जाती अगर
साथ मिलकर इश्क़ की हम ख्वाहिशों में भीगते

गर समझ लेते मुझे आसान होता ये सफर
यूं न हम तन्हाइयों की बंदिशों में भीगते

- Aditya

Baarish Shayari

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