रस्ता बराए इश्क़ के आसान कर दिया
खुद अपना जान बूझ के नुकसान कर दिया
ऐसा नहीं है आपसे उल्फ़त नहीं हमें
लहज़े ने आपके हमें हैरान कर दिया
हैवानियत की दौड़ में अव्वल रहा था मैं
बस इश्क़ ने तेरे हमें इंसान कर दिया
मुश्किल बहुत था जीतना अपनों को प्यार से
हमने भी सबसे जंग का एलान कर दिया
नक़्शा बदल दिया है हुक़ूमत ने मुल्क़ का
हिंदोस्ता को हिंदू-मुसलमान कर दिया
असग़र शदाब आप के बस की नहीं ग़ज़ल
ये कह के आप ने मेरा अपमान कर दिया
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