तुम केवल इतना सा काम करो
दिल में जो भी है सर-ए-आम करो
प्यार बहुत ही छोटी चीज़ है जान
तुम तो इश्क़ करो और नाम करो
अब फ़ुर्क़त बर्दाश्त नहीं होती
अब तो जानाँ कुछ इक़दाम करो
दिल न लगा पाऊँ मैं किसी से फिर
हिज्र से पहले वो अंजाम करो
या तो मुझ से वफ़ा निभाओ तुम
या फिर मेरा काम-तमाम करो
मिलन तुम्हारा ग़ुलाम है अब तुम
चाहे रक्खो या नीलाम करो
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