उनकी पलकों पे जाकर मर जाते हैं - Chetan Verma

उनकी पलकों पे जाकर मर जाते हैं
हम उन नज़रों में आकर मर जाते हैं

वो नैन दिखाते हैं दर इक जन्नत का
हम उनसे आँखें मिलाकर मर जाते हैं

हैं रंग जहाँ भर के आँखों में उनकी
हम ख़ुद को उनसे सजाकर मर जाते हैं

वो आँसू जो आते हैं ग़म-ए-उल्फ़त के
अक्सर आँखों में आकर मर जाते हैं

इक अफ़सुर्दा सा दिल है हमको हासिल
हम थोड़ी ख़ुशियाँ पाकर मर जाते हैं

वो जब भी सुलाए साए में ज़ुल्फ़ों के
हम दुनिया सारी भुलाकर मर जाते हैं

- Chetan Verma
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