har ik kona rota rehta hai | हर इक कोना रोता रहता है

  - komal selacoti

har ik kona rota rehta hai
agar andhera rota rehta hai

in dilkash tasveeron ke andar
koii goonga rota rehta hai

aise hawa rula gai darwaaza
jaise kutta rota rehta hai

naye naye saaye ko banta dekh
zard ujaala rota rehta hai

peeth dikhaakar mandir kii jaanib
ghar ka sayaana rota rehta hai

shor-e-tanhaaii kii god mein raat
kiska baccha rota rehta hai

har pal har baat baat par ye dil
kiska rona rota rehta hai

suraj selakoti tu bhi yaar
din bhar rota rota rehta hai

हर इक कोना रोता रहता है
अगर अँधेरा रोता रहता है

इन दिलकश तस्वीरों के अंदर
कोई गूँगा रोता रहता है

ऐसे हवा रुला गई दरवाज़ा
जैसे कुत्ता रोता रहता है

नए नए साए को बनता देख
ज़र्द उजाला रोता रहता है

पीठ दिखाकर मंदिर की जानिब
घर का सयाना रोता रहता है

शोर-ए-तन्हाई की गोद में रात
किसका बच्चा रोता रहता है

हर पल हर बात बात पर ये दिल
किसका रोना रोता रहता है

सूरज सेलाकोटी तू भी यार
दिन भर रोता रोता रहता है

  - komal selacoti

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