har ik kona rota rehta hai
agar andhera rota rehta hai
in dilkash tasveeron ke andar
koii goonga rota rehta hai
aise hawa rula gai darwaaza
jaise kutta rota rehta hai
naye naye saaye ko banta dekh
zard ujaala rota rehta hai
peeth dikhaakar mandir kii jaanib
ghar ka sayaana rota rehta hai
shor-e-tanhaaii kii god mein raat
kiska baccha rota rehta hai
har pal har baat baat par ye dil
kiska rona rota rehta hai
suraj selakoti tu bhi yaar
din bhar rota rota rehta hai
हर इक कोना रोता रहता है
अगर अँधेरा रोता रहता है
इन दिलकश तस्वीरों के अंदर
कोई गूँगा रोता रहता है
ऐसे हवा रुला गई दरवाज़ा
जैसे कुत्ता रोता रहता है
नए नए साए को बनता देख
ज़र्द उजाला रोता रहता है
पीठ दिखाकर मंदिर की जानिब
घर का सयाना रोता रहता है
शोर-ए-तन्हाई की गोद में रात
किसका बच्चा रोता रहता है
हर पल हर बात बात पर ये दिल
किसका रोना रोता रहता है
सूरज सेलाकोटी तू भी यार
दिन भर रोता रोता रहता है
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