उदास है फ़ज़ा तो फिर उदास रहने दो - Ujjwal Deshwal

उदास है फ़ज़ा तो फिर उदास रहने दो
लबों पे रक्खी लबों की ये प्यास रहने दो

मिटाओ मत मेरे माथे से अपना नक़्श-ए-लब
निशानी अपनी कोई मेरे पास रहने दो

अभी नहीं है कोई वज्ह होश पाने की
सो जाओ मुझको अभी बदहवास रहने दो

तुम इतने ग़ौर से मत देखो डर लगेगा तुम्हें
मेरी इन आँखों पे कोई लिबास रहने दो

हमारे दुख भी हमारे लिए है ढेर अज़ीज़
हमारे जैसों को तुम ग़म-शनास रहने दो

- Ujjwal Deshwal
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