बेवफ़ाई अगर तू कर जाती
मेरी भी शाइरी सुधर जाती
मैं तुझे प्यार कब तलक करता
दिल से इक दिन तू भी उतर जाती
एक दिन तो बिछड़ना ही था हमें
काश तू थोड़ा और ठहर जाती
तुम मेरी ज़िंदगी में क्यों आई
जैसे तैसे सही गुज़र जाती
काश कल अहद-ए-इश्क़ की ख़ातिर
मैं भी मर जाता तू भी मर जाती
बच्चा कहके बुलाता मैं उसको
वो मेरी बाँहों में बिखर जाती
इक शिकायत रहेगी तुझसे यार
थोड़ी हिम्मत अगर तू कर जाती
उसका ये कहना याद है युवराज
तुम नहीं होते मैं तो मर जाती
As you were reading Shayari by Yuvraj Singh Faujdar
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