अच्छे दिन की ज़बान दे दे हम
काहे झूठा बयान दे दे हम
चीख़ते क्यों हो सारे चुप है तो
काट कर क्या ये कान दे दे हम
सारे अंधे ही देख पाते है
या'नी आँखों को दान दे दे हम
झूठ को पाँव दे दिए तुमने
सच की सारी थकान दे दे हम
तुम तो बस देखते है मछली को
कैसे तुमको कमान दे दे हम
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