रानाई को चेहरा होता - Anshika Shukla

रानाई को चेहरा होता
बिल्कुल तेरे जैसा होता

हम भी अपने साथ नहीं थे
तू होता तो अच्छा होता

वादों की दुनिया कैसी है
इसमें जीना कैसा होता

ख़ामोशी कितनी अच्छी है
बातों से क्या पाया होता ?

आँखों में यादें शीरीं हैं
बहता दरिया खारा होता

रुक जाने की बात नहीं थी
गर आगे इक रस्ता होता

रुसवाई में जी पाएँगे
वैसे तो फिर मरना होता

ख़ैर ये बातें ठीक नहीं हैं
शायद पहले समझा होता

- Anshika Shukla
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