रानाई को चेहरा होता
बिल्कुल तेरे जैसा होता
हम भी अपने साथ नहीं थे
तू होता तो अच्छा होता
वादों की दुनिया कैसी है
इसमें जीना कैसा होता
ख़ामोशी कितनी अच्छी है
बातों से क्या पाया होता ?
आँखों में यादें शीरीं हैं
बहता दरिया खारा होता
रुक जाने की बात नहीं थी
गर आगे इक रस्ता होता
रुसवाई में जी पाएँगे
वैसे तो फिर मरना होता
ख़ैर ये बातें ठीक नहीं हैं
शायद पहले समझा होता
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