कभी टटोलोगे दिल हमारा यहाँ फ़क़त वसवसे मिलेंगे

  - Harsh Kumar

कभी टटोलोगे दिल हमारा यहाँ फ़क़त वसवसे मिलेंगे
ज़रा सा बाहर निकल के देखो बदन पे ख़ंजर गड़े मिलेंगे

कभी बुज़ुर्गों के पास बैठो कभी तो उनकी भी बात समझो
ये हम-ज़बाँ की ज़बान में तो सदा तुम्हें मसअले मिलेंगे

  - Harsh Kumar

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