आरज़ू-ए-यार क्या करते - Ankur Mishra

आरज़ू-ए-यार क्या करते
हम किसी से प्यार क्या करते

ज़ख़्मी है जब रूह तक मेरी
तुमपे हम फिर वार क्या करते

हो गई उल्फ़त ही जब ख़ुद से
फिर ये पहरेदार क्या करते

जब ख़रीदा ही नहीं उसने
दिल का इस सरकार क्या करते

इक वो ही था यार मेरा फिर
इश्क़ फिर सौ बार क्या करते

- Ankur Mishra
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