jo hua uska gham kya karein
bheegi palkon ko nam kya karein
kab se to saath hain tere ab
isse ziyaada bharam kya karein
dekh ho ke hamaara kabhi
tere vaadon ka ham kya karein
rang kitne hain bikhre yahan
raushni ham sanam kya karein
lautaa do hamko saansen sanam
is mohabbat ka ham kya karein
tang hain ham bade khud se hi
jang ghairon se ham kya karein
ham bhi to tere ham saayein hain
aur ankur baham kya karein
जो हुआ उसका ग़म क्या करें
भीगी पलकों को नम क्या करें
कब से तो साथ हैं तेरे अब
इससे ज़्यादा भरम क्या करें
देख हो के हमारा कभी
तेरे वादों का हम क्या करें
रंग कितने हैं बिखरे यहाँ
रौशनी हम सनम क्या करें
लौटा दो हमको साँसें सनम
इस मोहब्बत का हम क्या करें
तंग हैं हम बड़े ख़ुद से ही
जंग ग़ैरों से हम क्या करें
हम भी तो तेरे हम साएँ हैं
और 'अंकुर' बहम क्या करें
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