मुफ़लिसी की ट्रीट बदलेगी कभी
भूख तेरी सीट बदलेगी कभी!
भाई ये घर छोड़ के मत जा अभी
वक़्त ग़म की ईंट बदलेगी कभी
खेल ही तो है जहाँ मैं उसका हूँ
ज़िंदगी ये ट्वीट बदलेगी कभी?
ये गुमाँ काफ़ी है हम इक सुर में हैं
धड़कनों की बीट बदलेगी कभी
क्लास जाने की वजह भी तय रही
मैम उसकी सीट बदलेगी कभी
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