धड़कता ही नहीं है अब हमारा दिल उसे कहना
अभी भी जी रहा है पर तेरा "काबिल" उसे कहना
निखारी है बहुत अच्छे से मेरी शायरी उसने
नहीं सजती है मेरे बिन कोई महफ़िल उसे कहना
बहुत मज़बूत मैंने कर लिया है धोखे खा खा कर
नहीं टूटेगा अब ख़ंजर से भी ये दिल उसे कहना
बिना मतलब ही डरते थे हम उससे दूर होने से
नहीं है उसके बिन ये ज़िन्दगी मुश्किल उसे कहना
समय से नींद आ जाती है हमको कुछ दिनों से अब
नहीं करते सितारे रात में झिलमिल उसे कहना
हमारे साथ था जब तक भरे थे उसके बिल हमने
नया महबूब भरता है हमारे बिल उसे कहना
कहीं गर वो दिखे तुमको तो बस ये काम कर देना
मरा तो ख़ुद हूॅं मैं लेकिन मेरा क़ातिल उसे कहना
नया महबूब उसको मिल गया है तुमसे भी अच्छा
बहुत अच्छे से रहता है तेरा "काबिल" उसे कहना
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