आपने पूछा है मुझको क्या चाहिए

  - Sagar Sahab Badayuni

आपने पूछा है मुझको क्या चाहिए
सच कहूँ तो मुझे मशवरा चाहिए

ज़ख़्म भरने नहीं इन दवाओं से अब
यूँ समझ लीजिए बस दुआ चाहिए

अब नहीं चाहिए कोई मंज़िल मुझे
हूँ मुसाफ़िर मुझे रहनुमा चाहिए

है अगर दुनिया में कुछ बुरा वो बुरा
बद से बदतर मुझे वो बुरा चाहिए

साहिब-ए-दर्द बस आप इतना कहें
किस तरह दर्द में चीख़ना चाहिए

अब के इस साल मैं रो चुका हूँ बहुत
तुमको ऐ आँसुओं सूखना चाहिए

ये ठहर जाने का वक़्त बिल्कुल नहीं
चल पड़ो गर मक़ाम-ए-फ़ना चाहिए

मिल चुके हैं मुझे बा-वफ़ा तो बहुत
अब के मुख़्लिस मुझे बेवफ़ा चाहिए

तुम भला क्यूँ मुझे दे रही हो दुआ
तुमको तो बस मुझे कोसना चाहिए

रोज़ करता हूँ मैं कोशिशें ख़ुदकुशी
हो नहीं पाती बस हौसला चाहिए

अब ज़रूरत नहीं है किसी और की
एक मैं और बस एलिया चाहिए

  - Sagar Sahab Badayuni

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