हुस्न-कारी के दिखाने में नहीं आएगा - Sagar Sahab Badayuni

हुस्न-कारी के दिखाने में नहीं आएगा
दिल मिरा आपके झाँसे में नहीं आएगा

ज़िंदगी भर की कमाई को सुनाता हूँ दोस्त
दिल अगर टूटा तो लगने में नहीं आएगा

मेरे हिस्से की ख़ुशी सबको लुटाने वाली
चैन फिर तेरे भी हिस्से में नहीं आएगा

हिज्र में मरना भी इक तजरबा है मेरे दोस्त
तजरबा सबको ये जीने में नहीं आएगा

अब तिरी मर्ज़ी जिसे चाहे बना ले अपना
अब ये पागल तिरे रस्ते में नहीं आएगा

- Sagar Sahab Badayuni
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