कौन बुरा है कौन यहाँ पर अच्छा है
दूर से किस को साफ़ दिखाई देता है
इस पर भी है और किसी का हक़ ऐ दोस्त
जो कुछ इस दुनिया में तेरा मेरा है
जिन का दिल भर आता है रो देते हैं
वैसे सब की आँखों में इक दरिया है
कोई न कोई सर पे मुसीबत आन पड़ी
जब भी हम ने अपने लिए कुछ सोचा है
मौत भी आ कर लौट गई हिम्मत दे कर
अब तो मुझ को हर हालत में जीना है
बड़े बुज़ुर्गो की बातों को ध्यान से सुन
पेड़ पुराना ठंडी छाँव ही देता है
इक दिन सारे लोग बिछड़ ही जाएँगे
ये सारा संसार तो बस इक मेला है
कभी कभी तो दुनिया प्यारी लगती है
कभी कभी तो लगता है सब धोका है
वक़्त बदलते देर नहीं लगती 'सोहिल'
मैंने हँसता चेहरा रोते देखा है
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