किसको ख़्वाबों में बुलाती होगी - Vaseem 'Haidar'

किसको ख़्वाबों में बुलाती होगी
याद उसकी उसे आती होगी

मिलने जब लड़का वो आता होगा
मेरी जाँ ज़ुल्फ़ें गिराती होगी

वो कहानी मिरी सब लोगों को
यार हँस हँस के सुनाती होगी

बात करने के लिए लड़के से
झूठी अब क़समें वो खाती होगी

रिश्ता इक उसके लिए आया है
दिलरुबा मेरी नहाती होगी

आँखों का ख़ाली रहा मशकीज़ा
हुस्न अब किसको दिखाती होगी

नींद जब आती नहीं होगी तब
याद में आँसू बहाती होगी

- Vaseem 'Haidar'
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