मुझ ऐसे शख़्स से रिश्ता नहीं निकाल सका
वो अपने हुस्न का सदक़ा नहीं निकाल सका
मैं मिल रहा था उसे बाद एक मुद्दत के
सो उससे कोई भी रिश्ता नहीं निकाल सका
तेरे लिए तो मुझे ज़िंदगी भी कम थी मगर
मेरे लिए तो तू लम्हा नहीं निकाल सका
तू देख पाई नहीं मुझको ख़त्म होते हुए
मै तेरी आँख का कचरा नहीं निकाल सका
इक ऐसी बात का ग़ुस्सा है मेरे लहजे में
वो बात जिसका मैं ग़ुस्सा नहीं निकाल सका
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