अपनों से जुदा होना आसान नहीं होता
इतना भी कोई पत्थर चट्टान नहीं होता
दिल टूटने पर इक सदमा ही तो गुजा़रेंगे
दिल टूटने का कोई नुक़सान नहीं होता
बे-जान किताबें कमरे में पड़ी रहती हैं
सो तेरे बिना कमरा वीरान नहीं होता
खूँ-रंग सी आँखों का ये हाल नहीं होता
होता है मगर उसके दौरान नहीं होता
जिन बंद घरों को काले रंग की आदत हो
उन बंद घरों में रौशनदान नहीं होता
मैं शायरी के सारे करतब भी दिखाता हूँ
वो रोज़ की ख़िदमत से हैरान नहीं होता
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