Ankur giri

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@ankur.giri2001

Ankur giri shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ankur giri's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Ghazal
जो आँखों में तुम्हारे ख़्वाब थे लौटा रहा हूँ मैं
रिहा होकर तुम्हारे इश्क़ से अब जा रहा हूँ मैं

मुझे उम्मीद थी इक रोज़ हाँ तुम लौट आओगे
वही उम्मीद इन आँखों में अब दफ़ना रहा हूँ मैं

मुझे लौटानी है तेरी हर इक पाई मेरे ऐ दोस्त
इसी ख़ातिर तिरी एहसान सब गिनवा रहा हूँ मैं

तुम्हारे साथ रहकर सीख ली है बेवफ़ाई भी
तुम्हारे जैसा ही अब यार बनता जा रहा हूँ मैं

तुम्हारे हिज्र में क्या-क्या नहीं करना पड़ा मुझको
कि आँसू पी रहा हूँ और ग़म को खा रहा हूँ मैं

मुझे अंदर से जाने कितना तुमने तोड़ डाला है
तुम्हें यूँ सौंप कर ख़ुद को बहुत पछता रहा हूँ मैं

कभी मैं बाँटता फिरता था सब में रौशनी अपनी
पर अब बे-नूर कितना यार होता जा रहा हूँ मैं
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Ankur giri