हुस्न में बढ़ गया जो नूर मियाँ
बस इसी बात का गुरूर मियाँ
दिल नहीं तोड़ने की चीज कोई
तुमको इतना नहीं शऊर मियाँ
मुझसे कहते थे दूर मत होना
हो गए खुद ब खुद ही दूर मियाँ
मिरा नंबर डिलीट मत करना
फिर चढ़ेगा मिरा सुरूर मियाँ
लौट आना तुम्हारी आदत है
लौट कर आओगे ज़रूर मियाँ
शहर ये है शरीफ लोगों का
फिर कहाँ से उठा फितूर मियाँ
इश्क़ गलती थी मेरी आँखों की
दिल तो मेरा था बेकसूर मियाँ
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